छोटे बच्चों के भारी भरकम बस्तों का बोझ कम करने आए दिन बातें होती रहती हैं। लेकिन इस मामले में अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। कुछ संस्थानों ने जरूर बस्ते का बोझ कम करने कुछ कदम उठाए भी हैं, लेकिन वो नाकाफी हैं। लेकिन मणिपुर सरकार ने बच्चों के बैग का बोझ हल्का करने कदम उठाए हैं। बताया जा रहा है कि इसके तहत बच्चों को एक दिन स्कूल बैग लाने और ले जाने से छुटकारा मिलेगा।
यहां राज्य सरकार ने नो स्कूल बैग डे कैंपेन शुरू किया। इसे सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में भी लागू किया गया है।
इसके तहत पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन स्कूल बैग से छुटकारा दिया गया है। किसी भी शनिवार को उन्हें बैग लेकर स्कूल जाने की जरूरत नहीं है। इसका एक उद्देश्य बच्चों को एक दिन किताबों से अलग रखकर उनमें दूसरे कौशल को बढ़ावा देना भी है।
सरकार के इस फैसले से राज्य में बच्चों से लेकर पैरेंट्स और उनके शिक्षक तक काफी खुश हैं। सभी ने इस फैसले का समर्थन किया है।
बता दें कि मणिपुर में सरकार ने स्कूलों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी गैर शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया है। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे स्पोर्ट्स से लेकर अन्य गैर शैक्षणिक गतिविधियों में भी अपनी पसंद के अनुसार बढ़ चढ़ कर हिस्सा जरूर लें।
नि:संदेह मणिपुर सरकार की ये पहल काफी सराहनीय है। इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाए, तो यह बच्चों के लिए काफी हितकर होगा। वैसे बस्ते का बोझ कम करने अन्य उपायों पर भी चर्चा हो सकती है। लेकिन यदि एक दिन भी बच्चों को स्कूली बैग से छुटकारा मिल जाए, तो यह कदम स्वागत योग्य तो है ही।