उत्तरप्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं जारी हैं। बोर्ड की परीक्षाएं मार्च महीने की पहले ही सप्ताह में शुरू हो चुकी हैं। वहीं बताया जा रहा है कि 16 मार्च से दसवीं और बाहरवीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू हो जाएगा। मूल्यांकन कार्य को देखते हुए कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी से निगरानी रखे जाएंगे। वहीं 275 केंद्रों पर 1.47 लाख परीक्षक 10 दिन में कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे। लेकिन अगर किसी शिक्षक से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में चूक हुई तो ये उसे भारी पड़ सकती है।
खबर आ रही है कि परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान अगर किसी शिक्षक से दो फीसदी तक गलती होती है तो उसके पारिश्रमिक में 85 फीसदी तक कटौती की जाएगी। इतना ही नहीं, उस शिक्षक व परीक्षक को तीन साल के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इस बार यूपी बोर्ड की दसवीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 55 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने दी हैं। इन विद्यार्थियों की कॉपियों में अगर सही उत्तर कटा हुआ मिलेगा तब भी मूल्यांकन के दौरान उनको पूरे नंबर मिलेंगे। बोर्ड की गाइडलाइन है कि अगर किसी विद्यार्थियों ने किसी प्रश्न का उत्तर अधूरा भी दिया है तो उसे उतने के ही अंक मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश शिक्षा विभाग ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कड़ी व्यवस्था की है। परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं परीक्षा हाल की पूरी वीडियोग्राफी करवाई जा रही है। इसके अलावा 72 केंद्रों में एक पेपर लीक हो जाने के चलते परीक्षाएं निरस्त कर दी गई थीं। वहां फिर से परीक्षा ली गई है।
वहीं अब बोर्ड परीक्षाओं की कापियों का मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू हो जाएगा। इसके लिए भी बोर्ड ने तगड़ी व्यवस्था की है।