अगले महीने से शुरू हो रहे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उत्तरप्रदेश शिक्षा बोर्ड ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर उत्तरप्रदेश शिक्षा विभाग ने कई सारी तब्दीली भी की है। वहीं 8110 परीक्षार्थियों के परीक्षा आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि आवेदन में कमी त्रुटियों के चलते ये फैसला लिया गया है।
बोर्ड के अनुसार,
यूपी बोर्ड के तहत आवेदन करने वाले 8110 विद्यार्थी इस बार हाईस्कूल-इंटरमीडिएट की परीक्षा नहीं दे पाएंगे। जांच में इनमें से कई के प्रमाण अधूरे निकले हैं। कई के फार्म में दी गई जानकारी गलत निकली। लिहाजा इनके परीक्षा फार्म निरस्त कर दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि ये सभी छात्र-छात्राएं मेरठ स्थित यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के तहत आने वाले चार मंडलों के 17 जिलों के हैं। करीब दो माह से फार्मों की जांच चल रही थी। समय देने के बाद भी इन छात्र-छात्राओं ने प्रमाण पत्र पूरे नहीं किए। इनमें मेरठ मंडल के जिलों के 2355 विद्यार्थी हैं। इसमें हाईस्कूल के 1395 और इंटरमीडिएट के 960 हैं।
वैसे देखा जाए तो बोर्ड परीक्षा के आवेदन को लेकर शिक्षा विभाग काफी सतर्कता बरतता आया है, इसके बाद भी परीक्षार्थियों की ओर से त्रुटियां कर दी जाती है। वहीं इसे सुधारने बोर्ड उन्हें अतिरिक्त समय भी देता है, इसके बाद भी यदि ध्यान नहीं दिया जाए तो निश्चित है बोर्ड के पास अधिकार होता है कि वो परीक्षार्थी को परीक्षा से वंचित कर दें।
उत्तरप्रदेश बोर्ड ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर काफी तैयारियां की हैं। खासकर, नकल रोकने पुख्ता इंतजाम भी किए जा रहे हैं। वहीं परीक्षार्थी के परीक्षा केंद्र तक पहुंचने और परीक्षा हाल में भी उनकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसके अलावा परीक्षार्थियों के मार्गदर्शन के लिए बोर्ड ने विशेषज्ञों की टीम भी बनाई है, जो परीक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान करेगी।